किसी ने सोचा भी नहीं था कि केसर जैसी महंगी और ठंडी जलवायु में उगने वाली फसल को एक कमरे के अंदर भी उगाया जा सकता है! लेकिन हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले के किसान गौरव सभरवाल ने यह कर दिखाया। उन्होंने पारंपरिक खेती से हटकर एरोपोनिक तकनीक से इनडोर केसर की खेती शुरू की और आज 5 लाख रुपये प्रति किलो की दर से इसे बेच रहे हैं।
गौरव की इस सफलता ने न सिर्फ उनकी जिंदगी बदली, बल्कि यह उन सभी किसानों और युवा उद्यमियों के लिए प्रेरणा बन गई है जो खेती में कुछ नया करने की सोच रहे हैं। तो आइए जानते हैं, कैसे उन्होंने यह सफर तय किया और कैसे आप भी इस तकनीक से फायदा उठा सकते हैं।
कैसे हुई शुरुआत?
गौरव का परिवार पहले पारंपरिक खेती करता था, लेकिन धीरे-धीरे इसमें मुनाफा कम होता गया। फसलें तो होती थीं, लेकिन मेहनत के मुकाबले आमदनी बहुत कम थी। इस मुश्किल से निकलने के लिए गौरव ने कुछ अलग करने का फैसला किया।
एक दिन इंटरनेट पर सर्च करते हुए उन्होंने एरोपोनिक तकनीक के बारे में पढ़ा। यह एक ऐसी विधि है, जिसमें पौधे बिना मिट्टी के सिर्फ हवा और पोषक तत्वों के मिश्रण से उगाए जाते हैं। यह तरीका उन्हें बहुत दिलचस्प लगा, खासकर तब जब उन्होंने जाना कि इस तकनीक से केसर भी उगाया जा सकता है!
कमरे में उगने वाला केसर – एक नया प्रयोग
गौरव ने ठान लिया कि वे इस तकनीक को आजमाएंगे। शुरुआत में, उन्होंने छोटे स्तर पर प्रयोग किया और जब सफल नतीजे मिले, तो बड़े स्तर पर 300 स्क्वायर फीट में केसर की खेती शुरू कर दी।
इसके लिए उन्होंने सबसे पहले कश्मीर से बेहतरीन क्वालिटी के केसर के बीज मंगवाए और कमरे में एक विशेष एरोपोनिक सेटअप तैयार किया।
कैसे काम करता है एरोपोनिक सिस्टम?
- इस तकनीक में पौधे बिना मिट्टी के उगते हैं।
- उनकी जड़ों को खास तरह के पोषक तत्वों से भरी धुंध (मिस्ट) से सींचा जाता है।
- तापमान, नमी और प्रकाश पूरी तरह नियंत्रित किया जाता है ताकि फसल को सही माहौल मिले।
- इससे 95% कम पानी की खपत होती है और फसल जल्दी तैयार होती है।
गौरव ने इस प्रक्रिया को अपनाया और कुछ ही महीनों में उनकी मेहनत रंग लाने लगी।
5 लाख रुपये किलो में बिकने वाला केसर!
उनका उगाया गया केसर बेहद सुगंधित और शुद्ध था, जिससे इसकी बाजार में बहुत ज्यादा मांग बढ़ गई।
आज गौरव अपने केसर को सीधे ग्राहकों और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के जरिए बेचते हैं, जिससे उन्हें बिचौलियों से बचकर ज्यादा मुनाफा मिलता है।
जहां पारंपरिक खेती में केसर उगाने में कई महीनों का समय और बड़ी जमीन लगती थी, वहीं गौरव ने सिर्फ 300 स्क्वायर फीट में शानदार उत्पादन कर दिखाया!
कम लागत, ज्यादा मुनाफा – इस खेती के फायदे
- पारंपरिक खेती के मुकाबले कम जगह में ज्यादा उत्पादन।
- 95% तक कम पानी की खपत।
- मिट्टी से होने वाले रोगों और कीटों का खतरा लगभग खत्म।
- गुणवत्ता बेहतर, जिससे बाजार में ज्यादा कीमत मिलती है।
- बिचौलियों की जरूरत नहीं, सीधे ग्राहकों को बेचने का फायदा।
रास्ते में आई चुनौतियां और उनका हल
हर नई चीज में मुश्किलें तो आती ही हैं, और गौरव को भी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा।
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तकनीकी जानकारी की कमी – शुरुआत में उन्हें यह समझने में परेशानी हुई कि एरोपोनिक तकनीक कैसे काम करती है। लेकिन उन्होंने इंटरनेट, कृषि वैज्ञानिकों और ट्रेनिंग प्रोग्राम्स से सीखा और धीरे-धीरे इसमें महारत हासिल कर ली।
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शुरुआती निवेश की जरूरत – एरोपोनिक सेटअप बनाने में थोड़ा खर्च आया, लेकिन उन्होंने छोटे स्तर से शुरुआत की और जब मुनाफा होने लगा, तो धीरे-धीरे अपने सिस्टम को अपग्रेड किया।
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मार्केटिंग की दिक्कतें – शुरुआत में ग्राहकों तक पहुंचना आसान नहीं था, लेकिन उन्होंने सोशल मीडिया और ऑनलाइन मार्केटिंग का सहारा लिया और सीधे ग्राहकों को बेचकर अच्छा मुनाफा कमाया।
भविष्य की योजनाएं – और भी बड़ा करने का इरादा
गौरव अब अपनी खेती को और बड़े स्तर पर ले जाने की योजना बना रहे हैं।
- 5000 स्क्वायर फीट का नया सेटअप लगाने की तैयारी कर रहे हैं।
- अन्य किसानों को ट्रेनिंग देकर उन्हें भी इस तकनीक से जोड़ने की सोच रहे हैं।
- दूसरी हाई-वैल्यू फसलों जैसे मशरूम और माइक्रोग्रीन्स की खेती का भी प्लान कर रहे हैं।
क्या आप भी करना चाहते हैं इनडोर खेती?
अगर आप भी खेती में कुछ नया करना चाहते हैं, तो गौरव की तरह एरोपोनिक तकनीक आजमा सकते हैं। इसके लिए आपको –
- थोड़ी जगह
- सही तकनीकी जानकारी
- शुरुआती निवेश
- सही मार्केटिंग स्ट्रेटजी
की जरूरत होगी।
निष्कर्ष – हर किसान के लिए एक सीख
गौरव सभरवाल की कहानी उन सभी किसानों और युवाओं के लिए प्रेरणा है जो खेती में कुछ नया करना चाहते हैं।
आज जब पारंपरिक खेती में लगातार चुनौतियां बढ़ रही हैं, तब नई तकनीकों को अपनाकर कम जमीन में ज्यादा और बेहतर उत्पादन करना संभव हो रहा है।
गौरव की मेहनत और सोच ने साबित कर दिया कि अगर सही दिशा में काम किया जाए, तो खेती भी हाई-टेक और प्रॉफिटेबल बिजनेस बन सकती है।
तो, क्या आप भी खेती में कुछ नया करने के लिए तैयार हैं? और पढ़े
