Farming Tips: सरसों की खेती से बढ़ाएं आमदनी
बोकारो जिले के चास प्रखंड के छोटे से गांव उलगोड़ा के किसान गोबिंद महतो ने पारंपरिक खेती को छोड़कर सरसों की खेती अपनाई और दोगुनी आमदनी की मिसाल पेश की है। आरएच-30 वैरायटी का इस्तेमाल कर वे एक एकड़ में 7-8 क्विंटल तक सरसों की उपज ले रहे हैं। कम लागत और उच्च उत्पादन के कारण सरसों की खेती किसानों के लिए लाभकारी साबित हो रही है।
गोबिंद महतो की सफलता की कहानी
लोकल 18 से बातचीत में किसान गोबिंद महतो ने बताया कि वह पहले पारंपरिक सब्जी की खेती करते थे, जिससे उनकी आमदनी बहुत सीमित थी। खेती में लागत ज्यादा थी, लेकिन मुनाफा उतना नहीं हो रहा था। उनके रिश्तेदार बिट्टू महतो ने उन्हें सरसों की खेती के लिए प्रेरित किया। इसके बाद उन्होंने सरसों की खेती को अपनाने का निर्णय लिया और अब वह कम लागत में अधिक मुनाफा कमा रहे हैं।
सरसों की खेती की प्रक्रिया
1. सही बीज और किस्म का चुनाव
गोबिंद महतो ने आरएच-30 सरसों की वैरायटी का उपयोग किया, जिससे 5 से 6 शाखाएं बनती हैं और अधिक उपज प्राप्त होती है। यह किस्म कम समय में अच्छी पैदावार देती है।
2. बुवाई का सही समय
सरसों की बुवाई का सही समय अक्टूबर और नवंबर माना जाता है। इस दौरान तापमान और मौसम की स्थिति फसल के लिए अनुकूल होती है। सरसों की फसल 130 से 150 दिनों में तैयार हो जाती है।
3. मिट्टी की तैयारी और उर्वरक प्रबंधन
सरसों की खेती के लिए उपजाऊ और अच्छी जल निकासी वाली भूमि की जरूरत होती है। खेत की तैयारी के दौरान गहरी जुताई करने से मिट्टी नरम होती है और उर्वरक अच्छे से मिल जाते हैं।
4. सिंचाई और कीट नियंत्रण
सरसों की फसल को बहुत अधिक पानी की जरूरत नहीं होती, लेकिन सही समय पर सिंचाई करना आवश्यक होता है। सरसों की फसल में लगने वाले कीटों से बचाव के लिए जैविक कीटनाशकों का उपयोग किया जाता है।
5. फसल की कटाई और भंडारण
सरसों की फसल 130 से 150 दिनों में तैयार हो जाती है। जब फली का रंग हल्का पीला हो जाता है, तो कटाई का सही समय होता है। कटाई के बाद सही भंडारण करने से फसल अधिक समय तक सुरक्षित रहती है।
कम लागत में अधिक मुनाफा
गोबिंद महतो बताते हैं कि पारंपरिक खेती की तुलना में सरसों की खेती में लागत कम आती है। एक एकड़ में सरसों की खेती पर लगभग 8,000 से 10,000 रुपये खर्च होते हैं, जबकि उपज 7-8 क्विंटल तक होती है। सरसों का बाजार मूल्य 5,000 से 6,000 रुपये प्रति क्विंटल होता है। यानी एक एकड़ की खेती से किसान को 35,000 से 50,000 रुपये तक की कमाई हो सकती है।
सरसों की खेती के फायदे
- कम लागत, अधिक मुनाफा: अन्य फसलों की तुलना में सरसों की खेती में कम खर्च होता है और मुनाफा अधिक होता है।
- मिट्टी की उर्वरता में सुधार: सरसों की खेती से मिट्टी की उर्वरता बनी रहती है, जिससे अगली फसल को फायदा होता है।
- कम पानी की जरूरत: सरसों की फसल को अधिक सिंचाई की जरूरत नहीं होती, जिससे सूखे क्षेत्रों में भी यह फसल सफल हो सकती है।
- जैविक खेती के लिए अनुकूल: जैविक उर्वरकों का उपयोग कर सरसों की खेती को और अधिक लाभकारी बनाया जा सकता है।
किसानों के लिए सुझाव
अगर आप भी कम लागत में अधिक मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो सरसों की खेती एक बेहतरीन विकल्प है। सही बीज, सही समय पर बुवाई और उचित देखभाल से आप भी गोबिंद महतो की तरह अपनी खेती को लाभकारी बना सकते हैं।
खेती में नवाचार अपनाएं और सफलता की नई ऊंचाइयों को छुएं!
