सागर: बुंदेलखंड के किसान तेजी से उन्नति कर रहे हैं और देशभर में खेती के नए आयाम स्थापित कर रहे हैं। अब वे पारंपरिक खेती से आगे बढ़कर आधुनिक और लाभकारी फसलों की ओर रुख कर रहे हैं। इसी क्रम में सागर जिले के प्रगतिशील युवा किसान आकाश चौरसिया ने काले आलू की खेती में कमाल कर दिया है। आमतौर पर ठंडे प्रदेशों में 100 से 110 दिन में पकने वाले काले आलू को उन्होंने महज 70 दिनों में तैयार कर दिया।
सफलता की कहानी: 70 दिन में बिकने लगा काला आलू
मल्टी लेयर फार्मिंग के जनक माने जाने वाले आकाश चौरसिया पिछले 14 साल से जैविक खेती कर रहे हैं। उनकी खेती में निरंतर नए प्रयोग देखने को मिलते हैं। इस बार उन्होंने काले आलू की खेती में एक अनूठा प्रयोग किया, जिससे यह फसल अपेक्षाकृत कम समय में तैयार हो गई। इस पर आकाश बताते हैं कि उन्होंने बुवाई समय से पहले कर दी थी और खेत में कंपोस्ट का अधिक मात्रा में उपयोग किया था। इसके अलावा, पानी और जैविक उर्वरकों का सही समय पर प्रबंधन किया, जिससे फसल जल्दी पक गई।
क्या है काले आलू की खासियत?
- बेहतर पोषण मूल्य: काला आलू एंथोसायनिन नामक एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है, जो शरीर के लिए बेहद फायदेमंद होता है।
- बाजार में अधिक मांग: इसकी मांग दिल्ली, बड़ोदरा और अन्य महानगरों में तेजी से बढ़ रही है।
- सामान्य आलू से 5 गुना अधिक कीमत: काले आलू की कीमत सामान्य आलू की तुलना में बहुत अधिक होती है, जिससे किसानों को बड़ा मुनाफा मिल सकता है।
- कम समय में उत्पादन: जहां सामान्य रूप से काले आलू को 100-110 दिन लगते हैं, वहीं सागर में यह 70 दिन में ही तैयार हो गया।
- जैविक खेती में उपयुक्त: जैविक खेती के तहत काले आलू की खेती अधिक लाभकारी हो सकती है, क्योंकि इसमें कम रासायनिक खाद की जरूरत होती है।
कैसे करें काले आलू की खेती?
- बीज का सही चुनाव करें: अच्छे बीजों का चयन करें और स्वस्थ पौधों से ही उगाने का प्रयास करें।
- समय पर बुवाई करें: आकाश चौरसिया के मुताबिक, बुवाई सही समय पर करने से फसल जल्दी तैयार हो सकती है।
- खेत की तैयारी: जैविक खाद, कंपोस्ट और गोबर खाद का अधिक उपयोग करें।
- सिंचाई का सही प्रबंधन: ड्रिप इरिगेशन जैसी आधुनिक सिंचाई प्रणालियों का उपयोग करने से पानी की बचत होगी और फसल तेजी से बढ़ेगी।
- सही समय पर कटाई करें: 70-80 दिन में खुदाई कर लेने से बाजार में अधिक कीमत मिलने की संभावना रहती है।
काले आलू की खेती के फायदे
✅ कम समय में अधिक मुनाफा: केवल 70 दिनों में काले आलू की खुदाई हो सकती है, जिससे कम समय में अच्छी आमदनी संभव है।
✅ बढ़ती मांग: स्वास्थ्य लाभों के कारण महानगरों में इसकी डिमांड बढ़ रही है।
✅ जैविक खेती के लिए अनुकूल: जैविक खेती को अपनाने वाले किसानों के लिए यह फसल एक बेहतरीन विकल्प हो सकती है।
✅ पारंपरिक खेती से अधिक लाभकारी: गेहूं और धान की तुलना में काले आलू से अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है।
