Grow Green Chickpeas at Home: घर में हरे चने (Green Chickpeas) उगाना न केवल आसान और सस्ता है, बल्कि यह ताजगी और पौष्टिकता से भरपूर होता है। हरे चने प्रोटीन, फाइबर, आयरन और कई आवश्यक विटामिनों से भरपूर होते हैं, जो सेहत के लिए बेहद फायदेमंद हैं। अगर आप अपने किचन गार्डन या गमले में हरे चने उगाना चाहते हैं, तो इसके लिए ज्यादा मेहनत की जरूरत नहीं है। बस कुछ सही कदम और थोड़ी देखभाल से आप घर में ताजे और स्वादिष्ट हरे चने उगा सकते हैं।
हरे चने उगाने के फायदे
1. ताजगी और पोषण:
घर में उगाए गए हरे चने रसायनों से मुक्त होते हैं और इनमें अधिक पोषण होता है। ये फाइबर, आयरन और प्रोटीन से भरपूर होते हैं, जो पाचन और रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करते हैं।
2. कम लागत में अधिक लाभ:
घर पर हरे चने उगाने में कम लागत आती है और अच्छी उपज मिलती है। साथ ही, बाजार में मिलने वाले चनों की तुलना में ये ज्यादा ताजे और सुरक्षित होते हैं।
3. पर्यावरण के लिए फायदेमंद:
घर पर खेती करने से प्लास्टिक और रसायनों का उपयोग कम होता है, जिससे पर्यावरण को भी लाभ होता है।
हरे चने उगाने की सही विधि
हरे चने उगाने के लिए ज्यादा जगह की जरूरत नहीं होती। इसे आप किचन गार्डन, बालकनी या छत पर गमलों में भी आसानी से उगा सकते हैं। आइए जानते हैं घर पर हरे चने उगाने की पूरी प्रक्रिया:
1. सही मौसम और समय का चुनाव करें
हरे चने ठंडे और सूखे मौसम में अच्छे से उगते हैं। इनका बुवाई का सही समय अक्टूबर से दिसंबर तक होता है। अगर आप गमले में उगाना चाहते हैं, तो इन्हें फरवरी-मार्च में भी उगा सकते हैं।
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मौसम: 15-25 डिग्री सेल्सियस का तापमान हरे चने के लिए आदर्श है।
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धूप: चने को 6-8 घंटे की धूप की जरूरत होती है, इसलिए गमले या क्यारी को ऐसी जगह रखें जहां पर्याप्त धूप मिले।
2. मिट्टी की तैयारी करें
हरे चने उगाने के लिए मिट्टी का उपजाऊ और अच्छे जल निकास वाली होनी चाहिए।
मिट्टी तैयार करने के लिए:
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60 प्रतिशत काली मिट्टी, 20 प्रतिशत बालू और 20 प्रतिशत गोबर की खाद मिलाएं।
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मिट्टी में जैविक खाद (वर्मी कम्पोस्ट) मिलाकर इसे पौष्टिक और उपजाऊ बनाएं।
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मिट्टी का पीएच स्तर 6.5 से 7.5 के बीच होना चाहिए।
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गमले या क्यारी में छोटे छेद रखें ताकि पानी का निकास सही ढंग से हो सके।
3. बीज का सही चयन और बुवाई करें
हरे चने के बीज का चुनाव करते समय यह ध्यान रखें कि बीज स्वस्थ और कीट मुक्त हों।
बीज बोने का सही तरीका:
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बीज को 8-10 घंटे पानी में भिगोकर रखें ताकि अंकुरण बेहतर हो।
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बीज को गमले या क्यारी में 2-3 सेंटीमीटर गहराई में बोएं।
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बीज के बीच 6-8 इंच की दूरी रखें ताकि पौधे को सही मात्रा में पोषण मिल सके।
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बुवाई के बाद हल्की सिंचाई करें और मिट्टी को नम बनाए रखें।
4. सही सिंचाई और नमी का प्रबंधन
हरे चने के पौधों को ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती।
सिंचाई करते समय ध्यान दें:
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बुवाई के तुरंत बाद हल्की सिंचाई करें ताकि मिट्टी में नमी बनी रहे।
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सप्ताह में 2-3 बार हल्की सिंचाई करें, खासतौर पर फूल और फली बनने के समय।
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अत्यधिक पानी से बचें, क्योंकि इससे जड़ों में सड़न हो सकती है।
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ड्रिप सिंचाई तकनीक का उपयोग करना बेहतर होता है ताकि पानी का सही वितरण हो सके।
5. खाद और पोषक तत्व प्रबंधन
हरे चने के पौधों को सही पोषण देने के लिए जैविक खाद और उर्वरकों का उपयोग करें।
खाद प्रबंधन के टिप्स:
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बुवाई के 25-30 दिन बाद गोबर की खाद या वर्मी कम्पोस्ट डालें।
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पौधों में फूल आने से पहले 1 प्रतिशत पोटैशियम और फॉस्फोरस का छिड़काव करें।
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फली बनने के समय 2 प्रतिशत पोटाश का छिड़काव करें ताकि फसल की गुणवत्ता बेहतर हो।
6. कीट और रोग प्रबंधन
हरे चने में कुछ आम कीट और रोग होते हैं, जो फसल को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
प्रमुख कीट और रोग:
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जसिड और थ्रिप्स: ये कीट पत्तियों का रस चूसकर पौधे को कमजोर कर देते हैं।
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नीम तेल या जैविक कीटनाशकों का छिड़काव करें।
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फ्यूजेरियम विल्ट: यह रोग जड़ों को सड़ा देता है।
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मिट्टी में ट्राइकोडर्मा मिलाएं ताकि फंगल संक्रमण से बचा जा सके।
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पाउडरी मिल्ड्यू: यह रोग पत्तियों पर सफेद परत बनाता है।
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सल्फर आधारित फफूंदनाशक का छिड़काव करें।
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7. फली बनने और कटाई का सही समय
हरे चने की फली बनने के 50-60 दिन बाद कटाई के लिए तैयार हो जाती है।
कटाई के लिए ध्यान दें:
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फली हरी और कोमल हो, तब ही तोड़ें।
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फली को धीरे से तोड़ें ताकि पौधे को नुकसान न पहुंचे।
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हरे चने की फसल को धीरे-धीरे तोड़कर 10-15 दिन में पूरी फसल काट लें।
8. फसल के बाद मिट्टी की देखभाल
फसल के बाद मिट्टी की देखभाल करना जरूरी है ताकि अगली फसल के लिए मिट्टी उपजाऊ बनी रहे।
मिट्टी की देखभाल के उपाय:
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जैविक खाद और वर्मी कम्पोस्ट डालें ताकि मिट्टी की उर्वरता बनी रहे।
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मल्चिंग तकनीक अपनाएं ताकि मिट्टी में नमी बनी रहे।
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मिट्टी की जांच कराएं ताकि जरूरत के अनुसार उर्वरकों का प्रयोग किया जा सके।
निष्कर्ष
घर पर हरे चने उगाना एक आसान और फायदेमंद तरीका है, जिससे आप ताजे और पौष्टिक हरे चने प्राप्त कर सकते हैं। सही मिट्टी, सिंचाई और पोषण के साथ कीट और रोग प्रबंधन को अपनाकर आप बेहतर उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। गमले, बालकनी या किचन गार्डन में हरे चने उगाकर आप अपने परिवार के लिए स्वस्थ और ताजा भोजन सुनिश्चित कर सकते हैं। Click Here
