किसान के लिए खुशखबरी! 31 मार्च तक करा सकते हैं गेहूं बिक्री के लिए पंजीयन, जानें पूरी जानकारी
मध्य प्रदेश में गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) ₹2,425 प्रति क्विंटल तय किया गया है, जो पिछले वर्ष से ₹150 अधिक है। 31 मार्च 2025 तक पंजीयन अनिवार्य है। कटनी जिले में अब तक 14 किसानों ने पंजीयन कराया है। किसान CSC, सहकारी समिति या कृषि विभाग के पोर्टल से पंजीयन करा सकते हैं।
मध्य प्रदेश में समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने के इच्छुक किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण अपडेट है। प्रदेश के किसान 31 मार्च 2025 तक गेहूं बिक्री के लिए पंजीयन करा सकते हैं। इस संदर्भ में कलेक्टर दिलीप कुमार यादव ने किसानों से अनुरोध किया है कि वे निर्धारित समय सीमा के भीतर पंजीकरण सुनिश्चित करें, ताकि उन्हें समर्थन मूल्य का लाभ मिल सके।
बता दें कि शासन द्वारा वर्ष 2025-26 के लिए गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य/Minimum Support Price 2 हजार 425 रुपये घोषित किया गया है। यह गत वर्ष से 150 रूपये अधिक है। आइए इसके बारे में यहां विस्तार से जानते हैं।
गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) कितना है?
सरकार ने 2025-26 के लिए गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) ₹2,425 प्रति क्विंटल निर्धारित किया है। यह पिछले वर्ष की तुलना में ₹150 अधिक है। सरकार का उद्देश्य किसानों को उनकी फसल का उचित भाव दिलाना और उनकी आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाना है।
गेहूं का समर्थन मूल्य निश्चित करने से किसान को उनके उत्पादन का सही मूल्य मिल पाता है, जिससे उन्हें फसल की बिक्री के लिए अधिक संघर्ष नहीं करना पड़ता। सरकार द्वारा MSP तय करने का मुख्य उद्देश्य किसानों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ बनाना और उनके उत्पादों के लिए न्यूनतम मूल्य सुनिश्चित करना है, ताकि उन्हें किसी प्रकार की वित्तीय समस्याओं का सामना न करना पड़े।
कटनी जिले में अब तक कितने किसानों ने कराया पंजीयन?
कटनी जिले में अब तक 14 किसानों ने गेहूं बिक्री के लिए पंजीयन कराया है। प्रशासन द्वारा किसानों को अधिक से अधिक पंजीयन कराने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। कलेक्टर दिलीप कुमार यादव ने जिले के सभी किसानों से अनुरोध किया है कि वे 31 मार्च 2025 तक पंजीयन करवाएं ताकि वे गेहूं बिक्री में समर्थन मूल्य का लाभ उठा सकें।
पंजीयन के लिए समयसीमा निर्धारित करने से यह सुनिश्चित होगा कि सभी किसान अपनी फसल को सही मूल्य पर बेच सकें। यदि कोई किसान पंजीकरण में विलंब करता है तो वह समर्थन मूल्य पर अपनी फसल नहीं बेच पाएगा। इसलिए प्रशासन और कृषि विभाग किसानों को समय से पंजीकरण कराने के लिए जागरूक कर रहा है।
पंजीयन कराने के लिए क्या करें?
किसान नजदीकी लोक सेवा केंद्र (CSC), सहकारी समिति या कृषि विभाग के पोर्टल के माध्यम से पंजीकरण करा सकते हैं। पंजीकरण के लिए आधार कार्ड, बैंक खाता विवरण, भूमि रिकॉर्ड और मोबाइल नंबर अनिवार्य हैं। पंजीयन पूरा करने के बाद किसानों को समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने का अधिकार मिल जाएगा।
यह प्रक्रिया बेहद सरल और सुगम है। किसानों को अपने नजदीकी CSC केंद्र या सहकारी समिति से संपर्क करना होगा और पंजीकरण प्रक्रिया पूरी करनी होगी। इसके बाद, किसान जब भी अपनी फसल बेचने के लिए समर्थन मूल्य पर गेहूं को बाजार में लेकर जाएंगे, तो उन्हें सरकार द्वारा निर्धारित मूल्य पर गेहूं की बिक्री की अनुमति मिल जाएगी।
किसानों के लिए महत्वपूर्ण सलाह
समय सीमा का ध्यान रखें: 31 मार्च 2025 के बाद पंजीकरण नहीं हो पाएगा। अत: किसानों को समय रहते पंजीकरण कराना चाहिए ताकि वे किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करें।
सही दस्तावेज़ तैयार रखें: पंजीकरण प्रक्रिया के दौरान आवश्यक दस्तावेज़ों की आवश्यकता होती है, जैसे आधार कार्ड, बैंक खाता विवरण, भूमि रिकॉर्ड और मोबाइल नंबर। यह दस्तावेज़ पहले से तैयार रखें ताकि पंजीकरण में कोई रुकावट न हो।
निकटतम पंजीयन केंद्र पर संपर्क करें: यदि पंजीकरण में कोई भी समस्या आती है, तो किसान कृषि विभाग या लोक सेवा केंद्र से संपर्क कर सकते हैं। इन केंद्रों से उन्हें पंजीकरण प्रक्रिया के बारे में सभी आवश्यक जानकारी प्राप्त होगी।
मध्य प्रदेश सरकार किसानों को MSP पर फसल बेचने का सुनहरा अवसर दे रही है। यदि आप गेहूं की खेती करते हैं और सरकार द्वारा निर्धारित मूल्य पर इसे बेचना चाहते हैं, तो 31 मार्च से पहले पंजीयन जरूर कराएं। इससे आपको उचित मूल्य मिलेगा और आर्थिक लाभ भी होगा।
समय सीमा के महत्व को समझें
किसानों के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि वे 31 मार्च 2025 तक पंजीकरण प्रक्रिया पूरी कर लें। पंजीकरण की अंतिम तिथि के बाद पंजीकरण नहीं होगा, जिससे वे समर्थन मूल्य का लाभ नहीं ले सकेंगे। इस प्रकार, समय पर पंजीकरण कराना किसान के लिए फायदेमंद रहेगा।
समय पर पंजीकरण करने से न केवल किसान को गेहूं की बिक्री में उचित मूल्य मिलेगा, बल्कि उन्हें सरकार की योजनाओं का पूरा लाभ भी मिलेगा। अत: सभी किसानों को सलाह दी जाती है कि वे अपने पंजीकरण को जल्दी पूरा करें ताकि उन्हें गेहूं के समर्थन मूल्य का लाभ मिल सके।
पंजीकरण के बाद किसानों के लिए क्या फायदे होंगे?
यदि किसान समय पर पंजीकरण कराते हैं तो उन्हें गेहूं की बिक्री में सरकार द्वारा तय किया गया न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) मिलेगा। इससे वे अपनी फसल का उचित मूल्य प्राप्त कर सकेंगे, जो उनके लिए आर्थिक दृष्टि से लाभकारी होगा।
इसके अतिरिक्त, पंजीकरण करने से किसानों को सरकारी योजनाओं और सब्सिडी का भी लाभ मिल सकता है। इस प्रकार, पंजीकरण किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है जो उनके लिए दीर्घकालिक लाभ प्रदान करेगा।
