फरवरी में करें गन्ने की इन किस्मों की बुवाई, कम खर्च में होगी लाखों की कमाई!
सस्ते पैसे में इन गन्ने की किस्मों की बुवाई करें, फरवरी में!
February में सरसों की खेती: बसंत गन्ने की बुवाई के लिए फरवरी का महीना सबसे अच्छा है। लाल सड़न रोधी किस्मों का चयन करना, ऊसर भूमि में उपजाऊ किस्में चुनना और ट्रेंच बुवाई के लाभों को जानें!
Sugarcane cultivation के प्रकार: बसंतकालीन गन्ने की बुवाई के लिए फरवरी का महीना सबसे अच्छा है। किसानों को इस समय गन्ने की बुवाई करने से अच्छी पैदावार मिलती है और फसल की ग्रोथ बेहतर होती है। गन्ने की बुवाई के दौरान फसल का जमाव काफी अच्छा होता है, जिससे पौधा का विकास अच्छा होता है और किसानों को कम समय में अच्छा उत्पादन मिलता है। यही कारण है कि किसानों को फसल की गुणवक्ता और उत्पादन को बढ़ाने के लिए उन्नत गन्ने की किस्मों का चयन करना चाहिए।
किसानों को बसंत कालीन गन्ने की बुवाई करते समय हमेशा कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए, जैसे कि सही किस्म का चुनाव, खेत की जुताई और बुवाई।
गन्ने की बुवाई करते समय किसानों को लाल सड़न रोधी किस्मों का चयन करना चाहिए ताकि फसल स्वस्थ रहे और अच्छी पैदावार मिले। किसानों को इस मौसम में अच्छी उपज देने वाली नई और अगेती गन्ने की किस्मों का चयन करना चाहिए। कुछ प्रमुख श्रेणियां हैं:
1) को.शा. 13235
2) को.शा. 17231
3) को.शा. 18231
5) को.लख. 14201
इन किस्मों की बुवाई से कम लागत में अधिक उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। इसके अलावा, 0238 किस्म पर कृषि विशेषज्ञों ने प्रतिबंध लगाया है, इसलिए इसकी बुवाई न करें।
सामान्य किस्मों की भी बुवाई कर सकते हैं:
किसान को.शा. 16233 और को.शा. 13452 का उपयोग कर सकते हैं अगर वे सामान्य किस्मों की खेती करना चाहते हैं। ये किस्में भी कम लागत में अच्छी फसल देते हैं।
1) को.शा. 16233 – अच्छी मिठास और उत्पादन क्षमता वाली किस्म
2) को.शा. 13452 – रोग प्रतिरोधी और अधिक उपज देने वाली किस्म
ये ऊसर जमीन के लिए अच्छी किस्में हैं:
ऊसर, कम उपजाऊ और नमकीन जमीन में गन्ने की खेती करना चाहते हैं, तो किसान को उचित किस्म का चुनाव करना होगा। ऊसर जमीन पर हर प्रजाति अच्छे परिणाम नहीं देती।
1) यूपी 14234 – ऊसर मिट्टी में भी अच्छी ग्रोथ और बेहतर उत्पादन
2) को.शा. 14233 – रोग प्रतिरोधक और कम उपजाऊ जमीन में भी बेहतर पैदावार
कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि ये दोनों किस्में ऊसर जमीन पर भी पूरी क्षमता से उत्पादन दे सकते हैं, जिससे किसानों को अच्छा मुनाफा मिल सकता है।
गन्ने की बुवाई ट्रेंच विधि से करें:
गन्ने की बुवाई के लिए किसानों को ट्रेंच विधि अपनानी चाहिए क्योंकि इससे जमाव बेहतर होता है, फसल स्वस्थ रहती है और उत्पादन अधिक होता है।
गन्ने की बुवाई के लिए किसानों को ट्रेंच विधि अपनानी चाहिए क्योंकि इससे जमाव बेहतर होता है, फसल स्वस्थ रहती है और उत्पादन अधिक होता है।
ट्रेंच विधि से बुवाई के चरण:
1) खेत की तैयारी: पहले गहरी जुताई करें और मिट्टी को भुरभुरी बनाएं.
2) नाली निर्माण: ट्रेंच डिगर से 1 फीट चौड़ी और 20-25 सेंटीमीटर गहरी नालियां बनाएं.
3) बीज रोपण: इन नालियों में एक से दो आंख वाले गन्ने के टुकड़ों की बुवाई करें.
ट्रेंच विधि से बुवाई के फायदे:
1) अधिक अंकुरण और बेहतर बढ़वार
2) पानी और पोषक तत्वों की अच्छी उपलब्धता
3) कम लागत में ज्यादा उत्पादन
