झारखंड के किसानों की बड़ी मांगें बजट 2025 से पहले!
झारखंड राज्य के नए वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट को लेकर लोकल18 ने किसानों से बातचीत की। इस दौरान किसानों ने अपनी कई मांगें सरकार के सामने रखीं। पलामू जिले के किसान हर साल सूखे की मार झेलते हैं, जिससे उनकी खेती प्रभावित होती है। इस बार उन्होंने अपनी आवाज़ बुलंद कर सरकार से स्पष्ट कहा – अब हमें रासायनिक खाद नहीं, बल्कि जैविक खाद चाहिए! पानी के लिए तरसने वाला पलामू अब और इंतजार नहीं करेगा, अब कोयल नदी का पानी बिहार नहीं, पहले अपने खेतों तक पहुंचेगा!
मुख्य मांगें:
1) झारखंड के किसानों ने जैविक खाद की मांग की।
2) पलामू के किसानों ने कोयल नदी का पानी मांगा।
3) किसानों ने सिंचाई पंप और बिना झंझट लोन की मांग की।
4) किसानों को पशुपालन और जैविक खेती के लिए प्रोत्साहन चाहिए।
कोयल नदी का पानी – बिहार नहीं, पहले हमारा हक!
पलामू के किसान सतेंद्र राम का कहना है कि वह 40 साल से खेती कर रहे हैं, लेकिन हर साल सूखे की मार झेल रहे हैं। उनके खेत को पानी नहीं मिलता, लेकिन कोयल नदी का पानी बिहार तक जाता है! यह कैसा न्याय है? सतेंद्र राम कहते हैं, “अगर सरकार बांध बनाकर कोयल के पानी को पलामू के किसानों तक पहुंचा दे, तो यहां कभी सूखा नहीं पड़ेगा, खेती हरियाली से लहलहा उठेगी!”
सरकार को जगाने का वक्त! अब जैविक खाद ही होगा खेती का भविष्य
तारकेश्वर सिंह चेरो बताते हैं कि 30 सालों से खेती कर रहे हैं, लेकिन सरकार की तरफ से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। वह कहते हैं, “अब रासायनिक खाद से ज़मीन मर रही है, फसल बर्बाद हो रही है! सरकार अगर सच में किसानों की भलाई चाहती है, तो हमें जैविक खाद बनाने के लिए पशुपालन को बढ़ावा देना होगा।”
बजट में किसानों के लिए होना चाहिए विशेष प्रावधान
झारखंड के किसानों का मानना है कि सरकार को अपने बजट में कृषि क्षेत्र के लिए विशेष प्रावधान करना चाहिए। किसानों ने निम्नलिखित मांगें सरकार के सामने रखीं:
- बिना ब्याज के कृषि ऋण: किसानों को बिना झंझट और ब्याज मुक्त लोन मिलना चाहिए, ताकि वे अपनी खेती में सुधार कर सकें।
- जैविक खेती के लिए अनुदान: जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को सब्सिडी दी जानी चाहिए।
- सिंचाई की बेहतर व्यवस्था: कोयल नदी के पानी का सही उपयोग किया जाए और नहरों का निर्माण किया जाए।
- पशुपालन को बढ़ावा: जैविक खाद के लिए पशुपालन को बढ़ावा दिया जाए और किसानों को मवेशी रखने के लिए सहायता दी जाए।
- आधुनिक कृषि तकनीकों की ट्रेनिंग: किसानों को ड्रिप सिंचाई, मल्चिंग और अन्य नई कृषि तकनीकों की ट्रेनिंग दी जाए।
खेती से जुड़े अन्य मुद्दे
किसानों ने सरकार से यह भी मांग की है कि उन्हें बिचौलियों से बचाया जाए और उनके उत्पादों का सही मूल्य दिलाने के लिए सरकार एक स्थायी नीति बनाए।
