नई पहल: बेमौसमी बारिश और ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों को राहत देने के लिए हरियाणा सरकार ने उठाया बड़ा कदम
हरियाणा सरकार ने हाल ही में बेमौसमी बारिश और ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों को राहत देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब राज्य के किसान, चाहे उन्होंने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा कराया हो या न किया हो, मुआवजा प्राप्त करने के योग्य होंगे। इसके लिए किसानों को अपनी फसल की क्षति की जानकारी राज्य सरकार द्वारा विकसित किए गए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर अपलोड करनी होगी। यह कदम किसानों के लिए राहत का कारण बनेगा, जो बेमौसमी घटनाओं के कारण आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं। इस योजना से वे किसान भी लाभान्वित होंगे जिन्होंने फसल बीमा योजना में पंजीकरण नहीं कराया था, और जिनकी फसलें बारिश, ओलावृष्टि और अन्य मौसमीय घटनाओं से प्रभावित हुई हैं।
बिना बीमा के भी मिलेगा मुआवजा
अब तक प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में शामिल नहीं होने वाले किसानों को मुआवजा नहीं मिलता था, लेकिन हरियाणा सरकार ने इस स्थिति में बदलाव किया है। राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है कि जिन किसानों ने बीमा योजना का लाभ नहीं लिया है, वे भी नुकसान के एवज में मुआवजा प्राप्त करने के हकदार होंगे। इसके लिए आवश्यक है कि वे अपनी खराब फसल की जानकारी ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर अपलोड करें।
आवेदन प्रक्रिया और मुआवजे की दिशा में सरकारी निर्देश
सरकार ने किसानों के लिए आवेदन प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इस योजना के अंतर्गत मुआवजा प्राप्त करने के लिए किसान को निम्नलिखित प्रक्रियाओं का पालन करना होगा:
- फसल की जानकारी अपलोड करें: किसान को अपनी खराब फसल की जानकारी अगले तीन दिनों के भीतर ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर अपलोड करनी होगी।
- नुकसान का आकलन: कृषि विभाग के अधिकारी मौके पर जाकर फसल के नुकसान का आकलन करेंगे और सही मुआवजा राशि का निर्धारण करेंगे।
- मुआवजा राशि का सीधे बैंक खाते में भुगतान: आकलन के बाद, मुआवजा राशि सीधे किसान के बैंक खाते में जमा कर दी जाएगी।
किसान तुरंत करें रजिस्ट्रेशन
हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा ने किसानों से अपील की है कि वे तुरंत अपना रजिस्ट्रेशन करें और सरकार की इस सहायता योजना का लाभ उठाएं। उन्होंने कहा, “किसानों को कोई चिंता करने की जरूरत नहीं है, सरकार उनके नुकसान की भरपाई के लिए पूरी तरह तैयार है और मुआवजा जल्द से जल्द उन्हें प्रदान किया जाएगा।”
रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया और महत्वपूर्ण बातें
अगर आप एक किसान हैं और अपने फसल के नुकसान के लिए मुआवजा प्राप्त करना चाहते हैं, तो आपको निम्नलिखित महत्वपूर्ण कदमों का पालन करना होगा:
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में पंजीकरण: जिन किसानों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में पहले से पंजीकरण करवा रखा है, उन्हें सबसे पहले अपने नजदीकी कृषि अधिकारी से संपर्क करना होगा और फसल के नुकसान की रिपोर्ट दर्ज करानी होगी।
- गैर-पंजीकृत किसान: जिन किसानों ने फसल बीमा योजना में पंजीकरण नहीं कराया है, उन्हें अगले तीन दिनों के भीतर हरियाणा ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर अपनी फसल के खराब होने की जानकारी अपलोड करनी होगी।
- “मेरी फसल, मेरा ब्योरा” पोर्टल पर पंजीकरण: हर किसान के लिए इस पोर्टल पर पंजीकरण करना अनिवार्य है, ताकि मुआवजे की राशि सीधे उनके बैंक खाते में जमा की जा सके।
मुआवजे की पारदर्शिता और समय पर भुगतान
इस बार सरकार ने मुआवजा प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल का निर्माण किया है। पहले किसानों को पटवारी और अन्य अधिकारियों पर निर्भर रहना पड़ता था, जिससे भेदभाव और भ्रष्टाचार की शिकायतें आती थीं। अब किसान स्वयं ऑनलाइन जाकर अपनी फसल के नुकसान की सूचना दर्ज कर सकते हैं, जिससे पारदर्शिता बनी रहती है और प्रक्रिया तेज होती है।
मुआवजा कैसे मिलेगा?
मुआवजा सीधे “मेरी फसल, मेरा ब्योरा” पोर्टल पर दर्ज बैंक खाते में जमा किया जाएगा। इसके लिए निम्नलिखित प्रक्रिया अपनाई जाएगी:
• गिरदावरी रिपोर्ट: जब कृषि अधिकारी मौके पर जाकर नुकसान का आकलन करेंगे, तो गिरदावरी रिपोर्ट तैयार की जाएगी। • मुआवजे का निर्धारण: गिरदावरी रिपोर्ट के आधार पर मुआवजे का निर्धारण किया जाएगा। • स्मार्ट प्रोसेसिंग: पूरे प्रक्रिया को स्मार्ट तरीके से डिजिटली किया गया है, ताकि किसानों को सही समय पर मुआवजा मिल सके।
सरकार की अपील: योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाएं
हरियाणा सरकार ने किसानों से अपील की है कि वे सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ उठाएं और अपनी फसल क्षति की रिपोर्ट जल्द से जल्द पोर्टल पर अपलोड करें। सरकार ने सभी किसानों को समय की अहमियत को समझते हुए आवेदन करने की सलाह दी है, ताकि वे किसी प्रकार की देरी से बच सकें और समय पर मुआवजा प्राप्त कर सकें।
सारांश:
हरियाणा सरकार की इस पहल से अब बिना बीमा वाले किसान भी अपने नुकसान का मुआवजा प्राप्त कर सकेंगे। इसके लिए उन्हें अपनी फसल की जानकारी ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर अपलोड करनी होगी। मुआवजे की प्रक्रिया पारदर्शी और डिजिटल माध्यम से की जा रही है, जिससे किसानों को इसका पूरा लाभ मिल सकेगा। राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि जिन किसानों को किसी प्रकार की परेशानी हो, वे समय रहते सरकार से मदद प्राप्त कर सकें।
