बिजनौर: उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में एक ऐतिहासिक अवसर आया जब बेल्जियम की राजकुमारी एस्ट्रीड ने यहां एग्रिस्टो मासा कंपनी की दूसरी यूनिट का शिलान्यास किया। इस शिलान्यास समारोह ने ना सिर्फ व्यापारिक दृष्टि से अहमियत पाई, बल्कि यह स्थानीय किसानों के लिए एक नए दौर की शुरुआत भी है। इस निवेश से आलू की उत्पादकता में जबरदस्त वृद्धि हो सकती है और इसके साथ ही 2,500 किसानों की आर्थिक स्थिति भी बेहतर होगी।
बेल्जियम की एग्रिस्टो मासा कंपनी की यह दूसरी यूनिट बिजनौर में लगाई जा रही है, जो फ्रेंच फ्राइज और आलू उत्पादों का उत्पादन करेगी। इस निवेश से किसानों की आय में दोगुनी वृद्धि और आलू की उत्पादकता में भी सुधार की संभावना है।
बेल्जियम की राजकुमारी का विशेष दौरा
बेल्जियम की राजकुमारी एस्ट्रीड ने कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। साथ में 70 विदेशी मेहमान भी आए थे। राजकुमारी एस्ट्रीड का इस क्षेत्र में आना एक ऐतिहासिक घटना मानी जा रही है, क्योंकि इस मौके पर ना सिर्फ व्यापारिक साझेदारी का शिलान्यास हुआ, बल्कि इससे किसानों को मिल रहे लाभ के रास्ते भी खुल गए।
राजकुमारी एस्ट्रीड ने गंज क्षेत्र के गांव महमूदपुर के पास स्थित एग्रिस्टो मासा कंपनी की नई यूनिट का शिलान्यास किया, जो फ्रेंच फ्राइज और अन्य आलू उत्पादों का उत्पादन करेगी। इस निवेश से पूरे जिले के किसान लाभान्वित होंगे, क्योंकि इस यूनिट के लिए 2,500 से अधिक किसानों से अनुबंध किए जाएंगे। इन किसानों को आलू की खेती के लिए कंपनी से मदद मिलेगी, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी।
आलू की उत्पादकता में बढ़ोतरी
इस निवेश से बिजनौर के किसानों को बड़े फायदे होंगे। एग्रिस्टो मासा कंपनी का दावा है कि इस नई यूनिट के साथ क्षेत्र में आलू की उत्पादकता में बड़ी वृद्धि होगी। जहां पहले उत्पादकता 17 टन प्रति हेक्टेयर थी, वहीं अब यह बढ़कर 32 टन प्रति हेक्टेयर हो गई है। इसका सीधा असर किसानों की आय पर पड़ेगा, और वे अपनी उपज से अधिक लाभ कमा पाएंगे।
वहीं, यह भी बताया जा रहा है कि इस नई यूनिट के शिलान्यास से कंपनी को भी वैश्विक बाजारों में अपनी जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही बिजनौर जिले को भी आलू के उत्पादक केंद्र के रूप में पहचान मिल सकती है। एग्रिस्टो मासा कंपनी के इस निवेश से न सिर्फ स्थानीय स्तर पर रोजगार बढ़ेगा, बल्कि आलू के उत्पादन और प्रसंस्करण में भी एक नया मोड़ आएगा।
किसानों को मिलेंगे सीधे लाभ
इस परियोजना का सबसे बड़ा फायदा स्थानीय किसानों को मिलेगा। लगभग 2,500 किसान कंपनी के साथ अनुबंध पर आलू की खेती करेंगे, जिससे उनकी आय में कई गुना वृद्धि हो सकती है। पिछले तीन वर्षों में एग्रिस्टो मासा कंपनी ने बिजनौर में किसानों की आय को 50% तक बढ़ाया है, और इस निवेश से यह आंकड़ा और बढ़ने की संभावना है।
कंपनी का दावा है कि इस साझेदारी से किसानों की आलू की उपज का बाजार मूल्य भी बढ़ेगा। इसके अलावा, एग्रिस्टो मासा की कंपनी ने यह भी सुनिश्चित किया है कि किसानों को आधुनिक तकनीक और विशेषज्ञों की मदद मिलेगी, ताकि वे अपनी फसल की गुणवत्ता और उत्पादकता में वृद्धि कर सकें।
नए रोजगार के अवसर
इस परियोजना के माध्यम से बिजनौर में न सिर्फ कृषि क्षेत्र में सुधार होगा, बल्कि यह स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न करेगा। एग्रिस्टो मासा कंपनी के तहत स्थापित होने वाली यूनिट में रोजगार की नई संभावनाएं खुलेंगी, जो स्थानीय युवाओं के लिए एक सुनहरा अवसर साबित हो सकती हैं।
कंपनी के आने से न केवल कृषि क्षेत्र में बदलाव होगा, बल्कि उद्योग क्षेत्र में भी बदलाव की संभावना है, जिससे जिले की अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा। इस निवेश से स्थानीय किसानों को अपनी खेती के तरीके में बदलाव करने का मौका मिलेगा, और वे ज्यादा कुशल और उत्पादक बन सकेंगे।
ग्लोबल बाजार में विस्तार
बिजनौर में एग्रिस्टो मासा कंपनी के आने के साथ ही इस क्षेत्र को वैश्विक स्तर पर पहचान मिलने की संभावना भी बढ़ गई है। अब बिजनौर आलू और फ्रेंच फ्राइज के उत्पादों का प्रमुख उत्पादक क्षेत्र बन सकता है, जो दुनियाभर के बाजारों में निर्यात किए जाएंगे। यह कदम भारत-बेल्जियम के व्यापारिक रिश्तों को भी मजबूत करेगा और दोनों देशों के बीच कृषि और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में साझेदारी को बढ़ावा देगा।
आर्थिक और सामाजिक दृष्टिकोण से फायदे
इस परियोजना के माध्यम से बिजनौर के किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा, और यह सामाजिक दृष्टिकोण से भी एक सकारात्मक कदम होगा। किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों के बारे में जानकारी मिल रही है, और उन्हें बेहतर उपकरणों के साथ अपने खेतों में काम करने का अवसर मिलेगा। साथ ही, यहां की बढ़ी हुई आलू उत्पादकता से जिले में व्यापारिक गतिविधियां भी बढ़ेंगी, जिससे इलाके के अन्य उद्योगों को भी लाभ होगा।
निष्कर्ष
बिज़नौर में बेल्जियम की राजकुमारी एस्ट्रीड का आना एक ऐतिहासिक क्षण था, और इस निवेश से किसानों के जीवन में बड़े बदलाव आने की उम्मीद है। यह परियोजना ना केवल किसानों की आय को दोगुना करेगी, बल्कि बिजनौर को आलू उत्पादक केंद्र के रूप में वैश्विक पहचान भी दिलवाएगी। इस निवेश से स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी और कृषि क्षेत्र में अत्याधुनिक तकनीकों के उपयोग से क्षेत्र के किसान समृद्ध होंगे।
