मार्च का महीना आम की फसल के लिए सबसे महत्वपूर्ण समय होता है। इस समय आम के मंजरों पर छोटे-छोटे फल दिखाई देने लगते हैं और यह परागण का समय होता है। इस दौरान थोड़ी सी भी लापरवाही पूरे सीजन की मेहनत पर पानी फेर सकती है। इसलिए आम के मंजरों और फलों की सही देखभाल करना बेहद जरूरी है।
इस रिपोर्ट में हम आपको आम के मंजरों और परागण के दौरान आवश्यक देखभाल, संभावित रोग और उनके उपचार, पोषक तत्वों की जरूरतें और सही प्रबंधन तकनीकों के बारे में विस्तार से बताएंगे। अगर किसान इस समय सही रणनीति और आधुनिक तकनीक अपनाएं तो वे अधिक उपज और बेहतर गुणवत्ता वाले आम प्राप्त कर सकते हैं।
मार्च में आम के मंजरों का महत्व क्यों है?
मार्च का महीना आम के बागानों में मंजरों के विकास और फलों के बनने की प्रक्रिया के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है।
1 परागण की प्रक्रिया:
इस समय परागण (Pollination) की प्रक्रिया होती है जिसमें मधुमक्खियां और अन्य कीट मंजरों पर परागण करके फल बनने में मदद करते हैं। यदि इस दौरान सही देखभाल न हो तो फलों की गुणवत्ता और संख्या पर असर पड़ सकता है।
2 फलों का प्रारंभिक विकास:
मंजरों में छोटे-छोटे फल बनने लगते हैं और यह समय फलों की वृद्धि और मजबूती के लिए महत्वपूर्ण होता है।
3 नमी और पोषक तत्वों की जरूरत:
इस समय मंजरों को पर्याप्त नमी, पोषक तत्व और रोगों से सुरक्षा की आवश्यकता होती है। जरा सी लापरवाही से फूल झड़ सकते हैं और उत्पादन में गिरावट आ सकती है।
मार्च में आम की फसल की देखभाल कैसे करें?
मार्च के महीने में आम की फसल की देखभाल में सही सिंचाई, पोषण, कीट और रोग नियंत्रण का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
1. सिंचाई और नमी प्रबंधन
मार्च के महीने में गर्मी बढ़ने लगती है और आम के मंजरों को पर्याप्त नमी की जरूरत होती है।
1 सिंचाई का सही समय:
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हफ्ते में एक बार हल्की सिंचाई करें ताकि मंजरों में नमी बनी रहे और फसल का विकास सुचारू रूप से हो।
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ड्रिप इरिगेशन सिस्टम का उपयोग करें जिससे पानी की बचत हो और मंजरों को उचित नमी मिलती रहे।
2 मल्चिंग का उपयोग:
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मल्चिंग तकनीक अपनाएं जिससे मिट्टी में नमी बनी रहे और जड़ों को ठंडक मिलती रहे।
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जैविक मल्च जैसे कि सूखी घास, पत्तियां और गोबर खाद का उपयोग करें जिससे मिट्टी की उर्वरता भी बढ़े।
2. पोषण और उर्वरक प्रबंधन
मार्च में आम की फसल को सही पोषण देना बेहद जरूरी है क्योंकि इस समय फल बनने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है।
1 उपयुक्त उर्वरक का प्रयोग:
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10-12 किलोग्राम गोबर खाद या वर्मी कम्पोस्ट प्रति पेड़ डालें जिससे मंजरों को आवश्यक पोषक तत्व मिल सकें।
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नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश (NPK) का संतुलित प्रयोग करें।
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बोरॉन और जिंक जैसे सूक्ष्म पोषक तत्वों का स्प्रे करें जिससे परागण और फलन में वृद्धि हो सके।
2 फूल और फल झड़ने से रोकने के लिए:
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प्लेनोफिक्स का 4-5 मिली प्रति लीटर पानी में घोलकर स्प्रे करें जिससे फूलों और छोटे फलों का झड़ना कम हो।
3. कीट और रोग नियंत्रण
मार्च में आम के मंजरों और फलों पर कीट और रोगों का प्रकोप बढ़ जाता है जिससे फसल को नुकसान हो सकता है।
1 पाउडरी मिल्ड्यू (चूर्णी फफूंद):
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मंजरों और फलों पर सफेद परत जमने लगती है जो फूलों और फलों को नुकसान पहुंचाती है।
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सल्फर 80% WP का 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें।
2 मैंगो हॉपर (आम की गूज):
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यह कीट मंजरों और फूलों का रस चूसकर फसल को नुकसान पहुंचाता है।
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इमिडाक्लोप्रिड 0.5 मिली प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।
3 फूलों का झड़ना और फल गिरना:
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प्लेनोफिक्स या NAA का 5 मिली प्रति 10 लीटर पानी में छिड़काव करें जिससे फूलों और फलों का झड़ना रोका जा सके।
4. परागण में सुधार के लिए उपाय
परागण प्रक्रिया में सुधार के लिए कुछ विशेष उपाय अपनाने से फलन में वृद्धि होती है।
1 मधुमक्खियों का संरक्षण:
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मधुमक्खियां परागण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
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बगीचे में मधुमक्खियों के छत्ते लगाएं जिससे परागण की प्रक्रिया बेहतर हो सके।
2 जैविक कीटनाशकों का प्रयोग:
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नीम तेल और जैविक कीटनाशकों का छिड़काव करें जिससे मधुमक्खियों को नुकसान ना पहुंचे और परागण में वृद्धि हो।
3 हवा और तापमान का प्रबंधन:
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तेज हवा और अत्यधिक गर्मी से मंजरों को बचाएं क्योंकि अत्यधिक तापमान से परागण की प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है।
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शेड नेट और वायु प्रबंधन तकनीकों का उपयोग करें।
5. फसल को सूखा और गर्मी से बचाव
मार्च और अप्रैल के महीने में तापमान में वृद्धि होने लगती है जिससे आम की फसल को झुलसा और सूखा लगने का खतरा बढ़ जाता है।
1 शेड नेट का प्रयोग:
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मंजरों और फलों को झुलसा से बचाने के लिए शेड नेट का प्रयोग करें।
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पानी का छिड़काव करके तापमान को संतुलित रखें।
2 पानी के वाष्पीकरण को रोकें:
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पौधों के चारों ओर मल्चिंग करें जिससे मिट्टी में नमी बनी रहे और पानी की बचत हो।
6. हार्मोन स्प्रे और वृद्धि नियंत्रक का प्रयोग
मार्च में मंजरों के विकास और फलों के मजबूती के लिए हार्मोन स्प्रे और वृद्धि नियंत्रकों का उपयोग करना जरूरी होता है।
1 प्लेनोफिक्स और एनएए का छिड़काव:
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प्लेनोफिक्स का 5 मिली प्रति 10 लीटर पानी में छिड़काव करें जिससे फूल और फलों का झड़ना कम हो सके।
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एनएए (नाफ्थलीन एसीटिक एसिड) का प्रयोग फलों की गुणवत्ता और विकास को बेहतर बनाता है।
7. आम की फसल के लिए मार्च में विशेष सुझाव
1 मंजरों की नियमित निगरानी करें ताकि किसी भी रोग या कीट के लक्षण तुरंत पहचाने जा सकें।
2 परागण की प्रक्रिया को तेज करने के लिए मधुमक्खियों और अन्य परागणकर्ताओं का संरक्षण करें।
3 फूल और फल झड़ने से रोकने के लिए सही समय पर हार्मोन स्प्रे और पोषण प्रबंधन अपनाएं।
4 गर्मी और सूखे से बचाने के लिए सिंचाई और मल्चिंग का सही प्रबंधन करें।
भविष्य में फसल प्रबंधन की रणनीति
मार्च के बाद फलों के विकास और पकने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। इस समय पोषक तत्वों और पानी की सही मात्रा देना जरूरी होता है।
1 फलों की वृद्धि के लिए पोटाश और कैल्शियम का प्रयोग करें।
2 अत्यधिक गर्मी से बचाव के लिए शेड नेट और सिंचाई तकनीकों का प्रयोग करें।
3 फसल को जैविक तरीके से सुरक्षित रखने के लिए नीम तेल और जैविक कीटनाशकों का प्रयोग जारी रखें।
निष्कर्ष
मार्च के महीने में आम के मंजरों और परागण की सही देखभाल करना फसल की गुणवत्ता और उपज को बढ़ाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। सही सिंचाई, पोषण, परागण प्रक्रिया और कीट नियंत्रण अपनाकर किसान अधिक उपज और बेहतर गुणवत्ता वाले आम प्राप्त कर सकते हैं।
आम की खेती में आधुनिक तकनीकों का प्रयोग और समय पर देखभाल से किसानों की आय में वृद्धि हो सकती है और उत्पादन में स्थिरता लाई जा सकती है। Click Here
