खेतों से सफलता तक: जानिए कैसे बहराइच के किसान ने अनोखी खेती से अपनी पहचान बनाई
उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में रहने वाले बुजुर्ग किसान रामप्रवेश मौर्या अपने अनोखे खेती के तरीकों के लिए जाने जाते हैं। जहां आम किसान पारंपरिक खेती पर निर्भर रहते हैं, वहीं रामप्रवेश मौर्या ने कुछ अलग करने की ठानी और रंगबिरंगे फल, फूल और सब्जियों की खेती शुरू कर दी। उनके खेतों में पीली गोभी, हरी गोभी, बैंगनी गोभी, लाल आम, हरी गोल मिर्च और भरवा मिर्च जैसी अनोखी फसलें लहलहाती हैं। उनके खेती के इन नवाचारों ने उन्हें बहराइच ही नहीं बल्कि दूर-दराज के जिलों में भी एक पहचान दिलाई है।
खेती बनी प्रेरणा, सालाना लाखों की कमाई
रामप्रवेश मौर्या की मेहनत रंग लाई और आज वे अपनी अनोखी खेती के जरिए सालाना दो से ढाई लाख रुपये कमा रहे हैं। इस आमदनी से वे अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देने में सक्षम हुए हैं। उनके एक बेटे ने कृषि विज्ञान (एग्रीकल्चर) की पढ़ाई पूरी कर ली है, जबकि दूसरा बेटा लखनऊ में उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहा है। खेती के प्रति उनके लगाव ने न केवल उन्हें आत्मनिर्भर बनाया, बल्कि वे अन्य किसानों को भी प्रेरित कर रहे हैं।
कैसे शुरू हुआ यह सफर? 100 ग्राम प्याज के बीज ने बदल दी जिंदगी
साल 2020 में एक कृषि अधिकारी ने उन्हें 100 ग्राम प्याज के बीज दिए थे, जिससे उनकी खेती की नई शुरुआत हुई। उन्होंने इन बीजों को अपने खेतों में बोया और जबरदस्त पैदावार प्राप्त की। यह उनके लिए टर्निंग पॉइंट साबित हुआ। प्याज की खेती से हुई सफलता ने उन्हें अन्य सब्जियों और फलों की खेती की ओर प्रेरित किया।
धीरे-धीरे उन्होंने अपने खेतों को रंगीन सब्जियों और पौधों की नर्सरी में तब्दील कर दिया। उनकी नर्सरी में अनोखी किस्मों के पौधों की सप्लाई दूर-दूर तक होती है। आज उनकी पहचान एक सफल किसान और कृषि नवाचार के अग्रदूत के रूप में होती है।
यूट्यूब चैनल के जरिए किसानों को दे रहे खेती की जानकारी
रामप्रवेश मौर्या ने केवल अपनी खेती तक ही सीमित नहीं रखा, बल्कि उन्होंने अपनी जानकारी को यूट्यूब चैनल के माध्यम से अन्य किसानों तक पहुँचाने का भी निर्णय लिया। उनके चैनल पर खेती से जुड़े नवाचार, आधुनिक तकनीक, जैविक खेती और बाजार में अधिक मुनाफा कमाने के तरीके साझा किए जाते हैं। उनके वीडियो देखकर कई किसान प्रेरित हो रहे हैं और अपनी खेती को नए तरीके से अपनाने की कोशिश कर रहे हैं।
अन्य किसानों के लिए एक प्रेरणास्रोत
आज जब खेती को लेकर कई किसान असमंजस में रहते हैं, वहीं रामप्रवेश मौर्या एक ज्वलंत उदाहरण हैं कि अगर मेहनत और सही तकनीक का उपयोग किया जाए तो खेती भी फायदे का सौदा बन सकती है। उन्होंने यह साबित किया है कि यदि सही फसल चयन, आधुनिक तकनीकों और कृषि नवाचारों का उपयोग किया जाए तो किसान भी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
आगे की योजनाएँ और नए प्रयोग
रामप्रवेश मौर्या की योजना अपने खेतों का और विस्तार करने और अन्य नई किस्मों की फसलें उगाने की है। वे भविष्य में हाइड्रोपोनिक्स और जैविक खेती को भी अपनाने की योजना बना रहे हैं ताकि पर्यावरण को सुरक्षित रखते हुए कृषि उत्पादन बढ़ाया जा सके। इसके साथ ही वे अपने यूट्यूब चैनल को और बड़ा बनाकर अधिक से अधिक किसानों को जागरूक करने की कोशिश में लगे हैं।
निष्कर्ष
रामप्रवेश मौर्या की कहानी सिर्फ एक किसान की सफलता की नहीं है, बल्कि यह एक प्रेरणादायक यात्रा भी है। उनकी मेहनत, समर्पण और कृषि नवाचारों ने उन्हें एक नई पहचान दिलाई है। उनकी खेती न केवल आर्थिक रूप से लाभदायक साबित हो रही है, बल्कि यह अन्य किसानों के लिए भी एक नई दिशा दिखा रही है। वे साबित कर रहे हैं कि अगर नई सोच और आधुनिक तरीकों को अपनाया जाए तो खेती भी एक फायदे का व्यवसाय बन सकती है।
