सरकारी कर्मचारियों के बाद किसानों पर भी मेहरबान हुई सरकार
मोदी सरकार ने एक बार फिर से किसानों के हित में बड़ा फैसला लिया है। पहले सरकारी कर्मचारियों को आठवें वेतन आयोग का तोहफा मिला था, और अब सरकार ने किसानों को राहत देने के लिए रॉ जूट की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में बढ़ोतरी का ऐलान किया है। इस फैसले के तहत रॉ जूट की एमएसपी को करीब 6% बढ़ा दिया गया है, जिससे किसानों को सीधा आर्थिक लाभ मिलेगा।
कैबिनेट बैठक में लिए गए अहम फैसले
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने मोदी कैबिनेट के इस बड़े फैसले की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि साल 2025-26 के लिए रॉ जूट की एमएसपी में 6% की बढ़ोतरी की गई है, जो कि लागत मूल्य से 67% अधिक है। इस बढ़ोतरी के साथ, 2025-26 के लिए रॉ जूट की कीमत 5,650 रुपये प्रति क्विंटल होगी। यह फैसला जूट किसानों को बेहतर कीमत दिलाने और उनके जीवन स्तर को सुधारने के उद्देश्य से लिया गया है।
रॉ जूट एमएसपी में बढ़ोतरी से क्या होगा फायदा?
- किसानों की आय में वृद्धि होगी, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
- जूट उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा, जिससे देश में जूट उद्योग का विकास होगा।
- बेहतर मूल्य मिलने से किसानों को अपनी फसल का सही लाभ मिलेगा।
- सरकार द्वारा लिए गए इस निर्णय से कृषि क्षेत्र को मजबूती मिलेगी।
कैबिनेट के अन्य महत्वपूर्ण फैसले
इस कैबिनेट बैठक में केवल जूट एमएसपी बढ़ाने का फैसला ही नहीं, बल्कि कई और बड़े निर्णय भी लिए गए, जो देश की जनता के हित में हैं।
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) का विस्तार: सरकार ने 2025-26 तक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) को आगे बढ़ाने का फैसला किया। इस योजना के तहत आयुष्मान भारत योजना और अन्य स्वास्थ्य कार्यक्रमों को भी और मजबूत किया जाएगा।
- आयुष्मान आरोग्य मंदिर केंद्र: देशभर में अब तक 1 लाख 72 हजार आयुष्मान आरोग्य मंदिर केंद्र स्थापित हो चुके हैं, जहां गरीब और जरूरतमंद लोगों को निःशुल्क प्राथमिक चिकित्सा सेवाएं दी जा रही हैं।
- प्रधानमंत्री नेशनल डायलिसिस योजना: इस योजना के तहत अब तक 4.5 लाख से अधिक मरीजों को मुफ्त डायलिसिस सेवा का लाभ मिला है।
- खाद्य प्रसंस्करण और किसानों के लिए नई योजनाएं: सरकार जल्द ही फूड प्रोसेसिंग सेक्टर में भी नई योजनाएं लाने की तैयारी कर रही है, जिससे किसानों को अपनी उपज का अधिकतम मूल्य मिल सके।
रॉ जूट एमएसपी बढ़ाने से किसानों की प्रतिक्रिया
पश्चिम बंगाल, बिहार, असम और उड़ीसा के जूट किसानों ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। कोलकाता के जूट किसान संजय दत्ता ने कहा, “इस फैसले से हमारी मेहनत की सही कीमत मिलेगी। इससे किसानों की आय में सुधार होगा और हमें खेती जारी रखने का प्रोत्साहन मिलेगा।”
वहीं, बिहार के कटिहार जिले के किसान रमेश यादव का कहना है, “यह सरकार का अच्छा कदम है, लेकिन हमें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि एमएसपी पर हमारी उपज खरीदी जाए।”
जूट उद्योग को मिलेगा बढ़ावा
रॉ जूट की एमएसपी बढ़ने से जूट उत्पादन और उससे जुड़े उद्योगों को भी फायदा होगा। भारत में जूट बैग, रस्सी, मैट और अन्य जूट उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ रही है। सरकार भी प्लास्टिक की जगह जूट उत्पादों को प्रोत्साहित कर रही है। इससे किसानों के साथ-साथ जूट मिलों में काम करने वाले मजदूरों को भी रोजगार मिलेगा।
कैसे करें एमएसपी पर फसल बेचने के लिए आवेदन?
अगर आप किसान हैं और एमएसपी पर फसल बेचना चाहते हैं, तो निम्नलिखित प्रक्रिया अपनाएं:
- किसान रजिस्ट्रेशन करें:
- राज्य सरकार की कृषि विपणन बोर्ड वेबसाइट पर जाएं।
- अपना आधार नंबर, बैंक खाता और भूमि रिकॉर्ड की जानकारी दर्ज करें।
- सफल पंजीकरण के बाद, आपको MSP के तहत खरीद केंद्रों की जानकारी मिलेगी।
- सरकारी मंडी में बिक्री करें:
- नजदीकी सरकारी क्रय केंद्र पर जाकर अपनी उपज बेचें।
- सरकार द्वारा निर्धारित MSP के अनुसार भुगतान प्राप्त करें।
